यस आई एम— 26
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रास्ते में जाते ही लड़की ने खुद से बात करने का सिलसिला शुरू कर दिया। "अब तो मुझे हर एक काम पहले से ज्यादा सर्तक होकर करना पड़ेगा और इसकी एकमात्र वजह है दद्दू। मै नही चाहती मेरी वजह से उन्हें कुछ हो और ना ही मै उन्हें कुछ होने दूंगी।" इतनी बात कहने के बाद कुछ देर के लिए लड़की ने अपनी बात में वीराम लगाया और फिर आगे बोलना शुरू किया।
"ज्यादातर सब लोग हॉस्पिटल में दवाइयां लेने ही जाते है, मै भी दवाई लेने ही जा रही हूं। पर यहां पर मुझ में और बाकि लोगों में एक अंतर है जो मुझे उन लोगों से अलग बनाता है, वह है लोग हॉस्पिटल में सिर्फ दवाई लेने जाते है और इसके अतिरिक्त वे लोग ज्यादा से ज्यादा इधर उधर भटक रहे लोगों को देखकर वापिस आ जाते है। पर मैं वहां पर हर एक छोटी से छोटी चीज को बड़े ध्यान से देखती हूं जैसे हॉस्पिटल के स्टाफ के बारे में जानकारी इकट्ठा करना कि कौन किस वक्त क्या काम करता है, कौन किस तरीके से काम करता है और किस का कैसा बर्ताव है? इसके अलावा कौन सी दवाई किस काम आती है, किस दवाई की कितनी डॉज से जान बचाई जाती है और कितनी डॉज से जान ली जा सकती है। इसके अलावा मैं बहुत सारी चीजों पर ध्यान देती है क्योंकि पता नही कौन सी बात मेरे कब काम आ जाए, इस बात को कोई नहीं जानता। अब हॉस्पिटल के बारे में इतनी जानकारी मेरे किस काम आ सकती है ये तो वक्त ही बताएगा।" इतना कहने के बाद वह लड़की हॉस्पिटल जाकर दवाई ले आई और वहां से वापिस आ कर दोबारा फिर से अपने काम में लग गई।
इसी तरह उस लड़की की जिन्दगी बीत रही थी। दद्दू की देखभाल, रेस्टोरेंट का काम ये दोनों काम ही उसकी दिनचर्या का हिस्सा थे। धीरे धीरे दिन बीत रहे थे। एक दिन वह लड़की रेस्टोरेंट में बैठी हुई काम कर रही रही थी, तभी अचानक उसकी नजर भीड़ को चीरती हुई एक अधेड़ उम्र ने दंपती पर जा कर रूक गई। जिन्हें देखकर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई जिसमें बहुत सारे भाव छिपे हुए थे। उस लड़की के चेहरे के भाव पल भर में ही बदल गए, जिसकी वजह से उसके चेहरे पर आए भावों को वहां पर मौजूद कोई भी शख्स नही देख पाया। उन दोनों पति पत्नी को आता हुआ देख वह लड़की अपने दद्दू को बोली। "आप को कुछ जरूरी काम था ना? आप पहले जाकर उसे पूरा कर लीजिए। तब तक यहां के सारे काम मै संभाल लूंगी।"
लड़की की इतनी बातें सुनकर बुर्जुग व्यक्ति निश्चिंत होकर अपने काम के लिए रवाना हो गए। उसके बाद लड़की ने वहां पर मौजूद शैफ को पिज्जा बनाने का ऑर्डर दिया और इसके साथ साथ शैफ को यह भी बता दिया कि इसमें क्या क्या डालना है और कितनी मात्रा में डालना है। एक बात का उसे खास ध्यान रखने को बोला गया , वो थी पिज्जा में मशरूम का होना।" लड़की ने अपनी बात बड़ी ही सकताई के साथ कही क्योंकि इस तरीके से कही बात का सामने वाले पर ज्यादा असर पड़ता है।
वहां पर अब कोई भी उस लड़की की बात मानने से मना नही कर सकता था, इसी वजह से कुछ ही देर में उसके कहने पर पिज्जा बनकर तैयाए भी हो गया और उसके बाद उस पिज्जा को उन दोनों पति पत्नी के पास भेज दिया गया। लड़की ने अपनी नजरे उन्ही लोगों पर गड़ाई हुई थी। वे लोग पिज्जे भी बड़े ही चाव के साथ खा रहे थे क्योंकि पिज्जा इतना ज्यादा टेस्टी बना हुआ था कि उन लोगों को पता ही नही नहीं चल पाया कि उस में मशरूम भी डला हुआ है। उन लोगों को इस तरह से पिज्जा खाता हुआ देख वह लड़की मन ही मन बोली। "लोग ज्यादातर अपनी पसंद के खाने को बड़े चाव से खाते है, पर कुछ बार वह खाना और ज्यादातर वही खाना इंसान की जान का दुश्मन बनता है। जैसे अगर किसी मिठाई के शौकीन को डायबिटीज हो जाए वैसे ही यह पिज़्ज़ा अब इन दोनों की जान का दुश्मन बनेगा। हाए....आप लोगों को इस उम्र में खाने पीने का खास ध्यान रखना चाहिए। ना जाने कब क्या चीज नुकसान दे जाए। इसके अलावा बाहर के खाने से तो बिल्कुल ही परहेज रखना चाहिए, ज्यादातर यही कोशिश रखनी चाहिए कि घर का बना हुआ खाना ही खाया जाएं। पर क्या करे इंसान की जीभ, इस पर किसी का काबू ही नही रहता। वैसे तो इसमें हड्डी नही होती पर फिर भी ये अच्छे खासे इंसान की हड्डियां तुड़वा देती है और कुछ बार तो इसकी वजह से आफत जान पर भी आ जाती है। कैसे, वो ऐसे अगर आप कही पर बिना सोचे समझे कुछ बोल देते हो तो इस बात का आपको बहुत बड़ा नुकसान चुकाना पड़ता है और अगर खाते वक्त आप अपनी जीभ पर कंट्रोल ना रखें तो तब भी यह आपकी जान की दुश्मन बन सकती है। वो कैसे ये आपको कुछ ही देर में पता चल जाएगा।" इसके बाद वह लड़की कुछ काम करने लगी, उस काम को करने के बाद वह दोबारा फिर खुद से ही बातें करने लगी।
"अब कुछ लोग सोच रहे होंगे कि जब मुझे ये दोनों इतने दिन पहले मिल गए थे तो मैंने इन लोगों को अभी तक क्यों नहीं मारा? क्यों इन लोगों को इतना ज्यादा टाइम दिया? इसके अलावा मैं इतने दिनों से इनके घर की जासूसी क्यों कर रही थी? बहुत सारे सवाल इस वक्त आप लोगों के दिमाग में आ रहे होंगे। फिक्र मत करो उन सभी सवालों के जवाब आपको जरूर मिलेंगे। सबसे पहले आपको इस सवाल का जवाब दूंगी कि मैं इन लोगों को मारने के लिए इतने दिनों का समय क्यों लिया? तो सुनिए , बड़े लोग कहते है कि अच्छा काम समय मांगता है इसलिए कभी भी जल्दबाजी में उसे खराब नही करना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखकर मैने इन लोगों को मारने की जल्दबाजी नही दिखाई क्योंकि मै नही चाहती थी कि मै कोई भी गलती करूं और उस गलती की वजह से मै पकड़ी जाऊं। ये पकड़े जाने का डर ना जाने इंसान से क्या क्या करा देता है? हस्स...!" उस लड़की ने लंबी आह भरी और फिर आगे बोली। "अब कुछ लोग ज्ञान देते हुए बोलेंगे कि इन्सान अपने पापों को इंसानों से तो छिपा सकता है पर क्या खुद से और भगवान से छिपा सकता है? अब इस बात का जवाब भी सुन लीजिए, मेरा मन है तभी तो मै खून कर रही हूं। अगर ऐसा कुछ मेरे साथ होता तो मैं खून ही क्यों करती? वैसे भी मेरे अंदर का इंसान तो कैद में रहते रहते ही भगवान को प्यारा हो गया, जिसका अंतिम संस्कार मैने वही पर ही कर दिया था। इसके बाद आती है भगवान की बारी कि भगवान हर जगह मौजूद है। तो एक बात पूछना चाहती हूं कि जब मेरे साथ बुरा हुआ तब भगवान कहां थे? अगर भगवान हर जगह होते है तो फिर तो किसी के साथ भी बुरा नही होना चाहिए , है ना। पर ऐसा कुछ नही होता भगवान भी उन्ही का साथ देते है जो अपने काम खुद करते है, जैसे मै कर रही हूं। उन लोगों ने मेरे साथ गलत किया था शायद इसी बात का बदला लेने के लिए मै अभी तक भी जीवित हूं। अब उन लोगों ने मेरे साथ गलत किया था तो उसका भुगतान तो उन लोगों को करना ही पड़ेगा। इसके लिए मुझे किसी से कुछ भी लेना देना नही है। कुछ लोग आकर अब कानून की दुहाई देंगे। कानून भी उन लोगों के लिए है जिन्होंने उसे बनाया है बाकि कानून किसी का नही है और इस बारे में मुझे डिटेल से किसी को कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है।" इसके बाद वह लड़की कुछ सोचने लगी और उसके बाद फिर से बोलने लगी।
"तो कहां थी मैं? जल्दबाजी का काम शैतान का होता है और मै अपने किसी काम में जल्दबाजी नही करना चाहती। जल्दबाजी में इंसान अक्सर गलतियां करता है, जिसकी वजह से पकड़ा जाता है। इससे बचने का सीधा सा एक ही उपाय है कि भले ही उस काम को करने में थोड़ा सा ज्यादा वक्त क्यों ना लग जाए,पर उस काम को करो पूरे प्रफैक्शन के साथ। इतना की देखने वाला भी देखकर चक्करा जाए। बस इसी वजह से मैंने इन लोगों का मर्डर करने में कोई जल्दबाजी नही दिखाई। इसके अलावा मोटिवेशन स्पीकर्स बोलते है कि कोई भी काम करना हो तो पूरी प्लानिंग के साथ करना चाहिए और यहां तो मैं फिर भी मर्डर कर रही हूं। इसमें तो प्लानिंग की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इस वजह से भी मैंने इतना टाइम लिया ताकि मै अच्छे से मस्त वाली प्लानिंग कर सकूं।
अब बारी आती है दूसरे सवाल की कि मैंने इन लोगों के घर की जासूसी क्यों की। तो इसका जवाब भी दे ही देती हूं। जैसे बीमा कंपनी वाले और खास कर म्यूचुअल फंड वाले बोलते है कि इन्वेस्ट करने से पहले एक बार पॉलिसी अच्छे से चेक कर ले, वरना नुकसान आपका ही होगा। इसी सोच को अपनाते हुए मैने भी पहले इन लोगों के बारे में पूरी इन्फॉर्मेशन कलेक्ट की जिसकी वजह से मुझे बाद में कोई प्रॉब्लम ना आए। इस छानबीन में आपको सामने वाले इंसान के बारे में काफी जानकारी मिल जाती है कि कब वह कहां जाता है , कब क्या करता है , कहां उसका उठना बैठना है और किस किस के साथ झगड़ा है? इन बातों से बहुत फायदा होता है। इस तरह से आप एक अच्छे खासे मर्डर को भी बड़े आराम से एक्सिडेंट केस में बदल सकते है और किसी को शक भी नहीं होगा। अब आप ही बताइए कि फंसने से अच्छ है कुछ दिन अच्छे से रिसर्च ही कर ली जाए।, जिससे बाद में पछताना ना पड़े। बस इन्ही बातों को ध्यान में रखकर मैने उन लोगों पर नजर रखी है। अब इसी रिसर्च के दौरान मुझे पता चला कि ये लोग इसी रेस्टोरेंट में खाना खाने आते है और इन लोगों को मशरूम से एलर्जी है , इस बारे में तो मुझे बचपन से ही मालूम है। जैसे मां बाप अपने बच्चों को अच्छे से जानते है वैसे ही मैं भी अपने मां बाप को बड़े अच्छे से जानती हूं। बस फिर क्या था , मैने भी इसी रेस्टोरेंट में जॉब करने का फैसला लिया जिससे मै अपना काम आसनी से कर सकूं। इसके अलावा सबसे जरूरी बात रेस्टोरेंट एक ऐसी जगह है जहां पर हर तरह के और हर उम्र लोग आते है। इस बात से भी मुझे बहुत फायदा मिलने वाला था। भगवान भी चाहते है और वैसे भी मां बाप का उद्धार करना बच्चों का ही तो फर्ज होता है इसलिए इन लोगों का उद्धार मेरे हाथों ही होना तय है। ऊपर से मेरी किस्मत या फिर मेरी मेहनत भी मेरा साथ दे रही है तभी तो यहां आते ही मेरी जॉब भी लग गई और कितनी अच्छी लगी है, वह तो आप लोगों ने देख ही लिया। बोलने के तरीके से भी सामने वाले पर बहुत प्रभाव पड़ता है, आपके बोलने के तरीके से ही लोग आपकी बात मानते है या फिर बात के लिए मना करते है। अगर मैं अपने बात करने के तरीके के बारे में बताऊं,तो मेरा बात करने का तरीका तो कुछ ऐसा है कि सामने वाला इंसान कभी मना कर ही नहीं सकता। मेरे ख़्याल से इतना बताना काफी होगा।" इतनी बात कहने के बाद वह उन दोनों पति पत्नी को देखने लगी।
पिज्जा खाने के बाद वें दोनों वहां से चले गए। लड़की उन दोनों को जाते हुए देखती रही और फिर सोचने लगी। "चलो, इतना काम तो हो गया। अब बाकि का काम कुछ दिन बाद का होगा। वैसे भी मशरूम अपना असर एकदम से नही करेगा। पर जब भी करेगा बड़े खतरनाक तरीके से करेगा। इतने दिन मिल जाने से मुझे भी एक फायदा होगा कि मुझ पर कोई शक नही करेगा क्योंकि अगर मैं इन लोगों के अभी पीछे चली जाती तो मुझ पर लोगों के शक करने के चांस बन जाते। पर अब तो मेरे पास टाइम ही टाइम है। तब तक मजे मै मजे करूंगी और मम्मी पापा आप लोग भी मजे करो , वैसे भी आप लोग चंद ही दिनों के मेहमान हो तो आपको अब मैं परेशान नही करूंगी।
इतना कहने के बाद वह लड़की अपने रेस्टोरेंट के काम में लग गई और सही वक्त के आने का इंतज़ार करने लगी।
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To be continued...................
राधिका माधव
23-Dec-2021 02:43 PM
Kafi rochk ta se bhri h ye story, lalln top😍
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